मुझको गलत कहो,
मुझे टोको, मुझ पर
कोई इलज़ाम रख दो
मैं अपनी राह चलता हूँ
खुदगर्ज़ मेरा नाम रख दो
मेरे कौनसे आंसू पोछने आओगे?
मेरे कौनसे गम तुम अपनाओगे?
मेरे किस चोट का दर्द
तुम महसूस करोगे?
बस इतना बता दो फिर जो भी
मेरा अंजाम रख दो
मैं अपनी राह चलता हूँ
खुदगर्ज़ मेरा नाम रख दो
बोलो कहाँ थे तुम जब थक कर
मैं छाले सुखाने बैठा था?
आँख पे हाथ रखे हुए
खुद अपने सिरहाने बैठा था
तब मैं ही था, मेरे लिए
मैने ही मेरा साथ दिया
फिर भी है कसूर मेरा, तो मुझ पर
सलीब सरे-आम रख दो
मैं अपनी राह चलता हूँ
खुदगर्ज़ मेरा नाम रख दो
-Manasvi
18 Jan 2017
मुझे टोको, मुझ पर
कोई इलज़ाम रख दो
मैं अपनी राह चलता हूँ
खुदगर्ज़ मेरा नाम रख दो
मेरे कौनसे आंसू पोछने आओगे?
मेरे कौनसे गम तुम अपनाओगे?
मेरे किस चोट का दर्द
तुम महसूस करोगे?
बस इतना बता दो फिर जो भी
मेरा अंजाम रख दो
मैं अपनी राह चलता हूँ
खुदगर्ज़ मेरा नाम रख दो
बोलो कहाँ थे तुम जब थक कर
मैं छाले सुखाने बैठा था?
आँख पे हाथ रखे हुए
खुद अपने सिरहाने बैठा था
तब मैं ही था, मेरे लिए
मैने ही मेरा साथ दिया
फिर भी है कसूर मेरा, तो मुझ पर
सलीब सरे-आम रख दो
मैं अपनी राह चलता हूँ
खुदगर्ज़ मेरा नाम रख दो
-Manasvi
18 Jan 2017