वो क्या स्वाद था उस पल का
कुछ याद नहीं आता
एक हल्का सा कड़वापन था...
जैसे चीनी डाली हो पर मिलाई ना हो
जो ज़ुबान पर टिका रहता है
बहुत देर तक
या शायद कुछ तीखापन था...
इक ठाँस सी उठी थी
आँखें मिचिया के बन्द की थी
बहुत देर तक चुभन महसूस हुई थी
या शायद कुछ स्वाद था ही नहीं
जैसे फीका सा बिना नमक
पर फिर भी कोशिश होती हैं
उस पल को फिर से जीने की...
बस एक बार वो स्वाद याद आ जाए
तो शायद बनाने का नुस्ख़ा भी सूझ जाए...
मनस्वी 30-12-2016
कुछ याद नहीं आता
एक हल्का सा कड़वापन था...
जैसे चीनी डाली हो पर मिलाई ना हो
जो ज़ुबान पर टिका रहता है
बहुत देर तक
या शायद कुछ तीखापन था...
इक ठाँस सी उठी थी
आँखें मिचिया के बन्द की थी
बहुत देर तक चुभन महसूस हुई थी
या शायद कुछ स्वाद था ही नहीं
जैसे फीका सा बिना नमक
पर फिर भी कोशिश होती हैं
उस पल को फिर से जीने की...
बस एक बार वो स्वाद याद आ जाए
तो शायद बनाने का नुस्ख़ा भी सूझ जाए...
मनस्वी 30-12-2016
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