पहचान हो नयी
पर शोहरत वही मिले
दस्तखत वही रहें
पर नाम बदल जाए
कुछ अजनबी भी हों
कुछ अपने साथ रहें
बेमानी बातों में
कई शाम निकल जाए
पता नया भले हो
पर डाकिया पुराना
जो मेरे नाम ख़त हो
मुझ तक पहुँच जाए
शर्तों के साथ माँगी
पर फिर भी ख्वाहिशें हैं
जो थोड़ा लड़खड़ाउं
तो वक़्त सम्हल जाए
- Manasvi 18th March 2016
पर शोहरत वही मिले
दस्तखत वही रहें
पर नाम बदल जाए
कुछ अजनबी भी हों
कुछ अपने साथ रहें
बेमानी बातों में
कई शाम निकल जाए
पता नया भले हो
पर डाकिया पुराना
जो मेरे नाम ख़त हो
मुझ तक पहुँच जाए
शर्तों के साथ माँगी
पर फिर भी ख्वाहिशें हैं
जो थोड़ा लड़खड़ाउं
तो वक़्त सम्हल जाए
- Manasvi 18th March 2016
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