Thursday, December 15, 2016

तुम होठों से बिखरा देना

तुम होठों से बिखरा देना
रंग हँसी के, खिले खिले
मैं पलकों से समेट उसे
रंग लूँगा अपने ख्वाब सभी

तुम ऊँगली से लिखते जाना
मेरी पीठ पे नाम मेरा
मुझको मेरे सवालों के
मिल जायेंगे जवाब सभी

तुम थोडा सा देख के फिर
अनदेखा कर देना मुझे
मैं भी हटा के देखूँगा
अपने चेहरे से नकाब सभी

- 15-12-2016

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