तुमसे कितना गहरा था
याराना याद नहीं
क्यों बिछड़ा था तुमसे
वो फ़साना याद नहीं
तुमको मनाने की सारी
कोशिशें याद हैं
तुमसे रूठ जाने का
बहाना याद नहीं
कभी तो हुआ था यूँ भी
गिले गिनाए थे सारे
दिल की बात कहते हुए
हिचकिचाना याद नहीं
रात गुज़ारी थी काँधे पे
सिर रख कर सुबकते हुए
पर गोदी में छुपा के सिर
सो जाना याद नहीं
कुछ तो था जो सही नहीं था
कुछ तो था जो अधूरा था
याद बहुत से पल हैं पर
ज़माना याद नहीं
14 Nov 2017