Tuesday, November 14, 2017

उस रोज़

उस रोज़ कुछ पल और
तुम ठहर जाते तो
कहानी और होती
शायद...

मैं तुम्हें मना पाता
अपनी बात समझा पाता
शिकायतें मिट जाती
शायद...

जो होना है वो होता
उस मोड़ पर नहीं तो
अगले मोड़ पर बिछड़ते
शायद...

-27 October 2017

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