मैं बिन सोचे कहता जाऊँ
तुम बिन समझे सुनती जाओ
ना तकरार होगी,
ना अनबन कोई
और कहने को होगा कि
कहा तो था
मैं दिन भर के क़िस्से सारे
शाम तुम्हारे नाम करूँगा
तुम बस हामी भरते रहना
चाहे ग़लत लगूँ या सही
मेरा मन हल्का हो लेगा
और तुम कह सकोगी कि
सुना तो था
जो कर पाए, कह देंगे कि
वादा यही करने का था
जहाँ रुकेंगे चलते चलते
कह देंगे कि
तय यहीं तो आना था
देखते जाना कितना ख़ुश
हम दोनो लगा करेंगे
कितना जँचेगा हम दोनो पर
ये प्यारा सा मुखौटा
- मनस्वी
1st June 2017
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