बात अधूरी रहने दो ना
कुछ आँखों से कहने दो ना
बहुत बरस से रुका हुआ है
पलकों में जो छुपा हुआ है
उस आँसू को बहने दो ना
बात अधूरी रहने दो ना
हमने ज़ख़्म पुराने देखे
दर्द खड़े सिरहाने देखे
चोट नई भी सहने दो ना
बात अधूरी रहने दो ना
पल गुज़रेगा हम से हो के
हम क्यों इस लम्हे को रोकें
महल आस का ढहने दो ना
बात अधूरी रहने दो ना
मनस्वी
२१ सितम्बर २०१८
कुछ आँखों से कहने दो ना
बहुत बरस से रुका हुआ है
पलकों में जो छुपा हुआ है
उस आँसू को बहने दो ना
बात अधूरी रहने दो ना
हमने ज़ख़्म पुराने देखे
दर्द खड़े सिरहाने देखे
चोट नई भी सहने दो ना
बात अधूरी रहने दो ना
पल गुज़रेगा हम से हो के
हम क्यों इस लम्हे को रोकें
महल आस का ढहने दो ना
बात अधूरी रहने दो ना
मनस्वी
२१ सितम्बर २०१८
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